ग्रीन पार्क के प्रापरटी डीलर महेंद्र जैन के यहाँ हम किरायेदार हुआ करते
थे । एक दिन वह कृष्ण जी को पलौट दिलवाने,बोली लगवाने के लिये ले गये वह
बोले मेरे पास तो पैसे हैं नहीं,महेंद्र जी बोले चिंता मत करिये ! मै हूँ न
! ४५ हज़ार का पलौट हमारे नाम आया उस समय केवल २२हजार रुपये थे शेंष रक़म
के लिये एक सप्ताह का समय मिला,इस डील को हम खोना नहीं चाहते थे,अत: एल
जी श्री जगमोहन जी से जा कर मिले,अपना परिचय दिया और अधिक समय माँगा उन्हों ने तुरंत फ़ाईल मे निरदेश दिया कि जब तक यह अपनी सुविधा अनुसार रुपया जमा न करा दें,दबाव न डाला जाये ! इस के बाद हम ने एल आ ई
सी से क़र्ज़ा लेकर भवन निर्माण करवाया और कुछ राशि विदेश मे अपनी कला कृतियाँ बेच कर हासिल की ! क्रमश !
जी श्री जगमोहन जी से जा कर मिले,अपना परिचय दिया और अधिक समय माँगा उन्हों ने तुरंत फ़ाईल मे निरदेश दिया कि जब तक यह अपनी सुविधा अनुसार रुपया जमा न करा दें,दबाव न डाला जाये ! इस के बाद हम ने एल आ ई
सी से क़र्ज़ा लेकर भवन निर्माण करवाया और कुछ राशि विदेश मे अपनी कला कृतियाँ बेच कर हासिल की ! क्रमश !
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