किसान आंदोलन आज गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर हिंसा, बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है ! क्या देश का अन्नदाता देश द्रोही हो सकता है कभी नही ! हमारे सच्चे किसान भाईयों को यह समझना चाहिये कि आंदोलन की आड़ मे देश द्रोही ताक़तें अपना उल्लू साध रही हैं देश को नुक़सान हो रहा है अपनें विवेक से काम लें
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